Hindenburg:
यह चेतावनी देते हुए कहा है की भारत में कुछ तो बड़ा होने वाला है। वह एक सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे खुलासे की ओर इसारा किया है। यह वही फर्म जिसके वजह से पिछले साल अडानी के शेयरो में भारी गिरावट आई थी , क्योकि पिछले साल इसी फर्म ने इसके खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी। Hindenburg Research अपने पोस्ट के जरिये बताया की भारत में कुछ बड़ा होने वाला है। “लेकिन वह उसकी पूरी जानकारी नहीं दी है की किस बारे में है ” ऐसा कहा जा रहा है वह फिर से भारत के किसी नामी कंपनी के बारे में खुलाशा करने वाले हैं।
Hindenburg Research ने अडानी कंपनी पर क्या रिसर्च करके क्या खुलासा किया था ?
अडानी कंपनी को लेकर January 2023 में Hindenburg Research ने एक रिपोर्ट जारी किया था और इसी रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर निचे गिर गए थे। हिंडेनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अनेको आरोप लगाए जिससे की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप दुनिया के अरबपतियों के मामले में 2 से सीधे 36 नंबर पर आ गए थे। जिसे की गौतम अडानी के संपत्ति में भारी गिरावट देख़ने को मिलती है। पिछले साल 24 जनवरी को अडानी इंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले हिंडेनबर्ग रिसर्च ने एक आलोचना करते हुए एक रिपोर्ट जारी करता है। इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयर के बाजार में 86 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी।
Securities and Exchange Board of India ने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर क्या कहा है ?
Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने अडानी के मामले में नए बातो का खुलासा किया है,जिसमे न्यूयोर्क हेड फंड मैनेजर मार्क किंगडन और अमेरिकी कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च के बीच संबंधो का उजागर किया है। सेबी के अनुसार अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट की किंगडन के साथ रिलीज से दो महीने पहले ही शेयर कर दी थी ,जिसके कारण राजनितिक बिसनेस के माध्यम से बहुत लाभ हुआ है। सेबी ने यह भी बताया की हिंडेनबर्ग और किंगडन मैनेजमेंट ने मई 2021 में एक “समझौता “किया था। इस समझौते ने रिपोर्ट को साझा करने की सुविधा प्रदान की , जो की जनवरी 2023 में फाइनल रिपोर्ट के बिलकुल समान थी। रिपोर्ट में ये बताया गया की अडानी ग्रुप पर “कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी ” करने का आरोप लगया गया और यही कारण था की अडानी कम्पनियो के बाजार में भरी गिरावट देखने को मिली थी।